Dec 9, 2012

मत आओ : Don't Come


मत आओ मेरी ख्वाहिश अब तुम मत आओ 
रहो अब इतनी दूर की तुम ना ही आ पाओ 

अगर आ ही गयीं तुम तो फिर हम बिछड़ेंगे 
अब तो सुकून आ चूका है वर्ना फिर तड़पेंगे 

बिछड़ेगा सब कुछ सबका ये ही तोह  है सार  
क्यूँ मिलते हो मुझसे औ बिछड़ते  बार-बार



मत आओ मेरी प्रेरणा  अब तुम मत आओ 
रहो अब इतनी दूर की तुम ना ही आ पाओ 

 अगर आ ही गयीं तुम तो  अरमान जगेंगे 
नभ से तारे सुबह होते ही फिर छोड़ भागेंगे


रहें अब हम  इतनी  दूर की ठीक से देख पायें 
करीब इतने रहे हैं कि कभी समझ ही नहीं आये 


मत आओ मेरी कामना  अब तुम मत आओ 
रहो अब इतनी दूर की तुम ना ही आ पाओ 

इतना खो खो के ही तो अब तक हम पाए हैं 
मिल गए इबकी तो समूचे ही खो जायेंगे 

अगर आ ही गयीं तुम तो फिर श्वास आयेंगे 
कलम रुक्केगी ये शब्द फिर गूंगे हो जायेंगे 



मत आओ मेरे सपने अब मत आओ 
नींद आ रही मुझे अब तुम भी सो जाओ

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